मार डालेगी महंगाई

द्वारा मयूर On 2:45 PM




शायद पिछले तीन महीनों से शुक्रवार का महत्व और बढ गया , हर शुक्रवार को मुद्रा इस्फिती का आंकडा जो आता है । तीन , चार , पांच , ... अब ग्यारह प्रतिशत बढकर 8.७५ प्रतिशत के पार ,और यह आंकडा तो ७ जून को खत्म हुए सप्ताह का है , अब ना जाने क्या हाल होगा ,खैर शुक्र है की मानसून समय पर आया तो सब्जियों के दाम कुछ कम हुए ,मेरे एक मित्र वामन राव ने बताया की कल उन्होंने जी भर के सब्जी खरीदी ,क्योंकि रेट पिछले चार महीनों मैं सबसे कम है । पर इस मानसून के कहर ने भी सभी को परेशानी मैं डाला हुआ है ,यहाँ अति सर्वत्र वर्जयेत ,नही पर सरकार की व्यस्थाओं का खाका खुलता दीखता है । ब्लूमबर्ग.कॉम के संपादक ने तो कीमतें अभी और बढ़ने संभावनाएं बताई हैं। और हो भी क्यों नही तेल के दाम अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ते तो जा रहे हैं , कच्छा तेल १४० डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया है , हमारी तेल कंपनियों को फिर से तेल बोंड्स की ज़रूरत पड़ने लगी है , तेल कंपनियां सरकार पर पेट्रोल और डीजल के दाम बढाने का प्रेशर फिर से बनने लगी है ।


फिलहाल सबसे ज्यादा परेशां तो यु पी ऐ सरकार है जिसका हर प्रयास विफल होता नज़र आ रहा है ,उसे पता नही चल रहा की क्या करूँ क्या न करूँ । तेल की कीमते बढाएं ,या रेपोरेट बढाएं , क्या करें कहाँ जायें कोई कोना ही नही बचा जहाँ मुँह छुपाएँ । मनमोहन सिंह जी के लिए और भी परेशानी की बात है क्योंकि पहले भी जब वह वित्त मंत्री थे , तब ६ मई १९९५ को इन्फ्लेशन ११.११ प्रतिशत तक पहुँच गया था , है रे किस्मत अब प्रधान मंत्री की कुर्सी भी नही छोड़ी किस्मत ने , वैसे भी अमेरिका के साथ समझौते से हाथ पीछे खिचेने का विचार तो वह बना ही चुके हैं , वाम दल जो नाक मैं दम किए हुए है ।


शेयर मार्केट की तो ऐसी की tऐसी हो ही गई है निचे निचे निचे ही जा रहा है । आज भी सुबह से ५३० अंक निचे जाकर १४५६० तक आ गया है । सोचो अगर भारतीय अर्थ व्यस्था के ऊपर से विश्वास उठ गया तो फिर क्या होगा इस देश का ।


चलो फिर कुछ मिलेगा तो पोस्ट करूँगा

1 Comment

  1. YOGESH Said,

    badia hai bidu laghe raho jordar observation hai. keep it up reugularly.

    Posted on June 21, 2008 at 12:08 AM