यह सफर किस डगर

द्वारा मयूर On 11:37 PM


आज मैं आपका परिचय एक कवि से कराने जा रहा हूँ , श्री भारत भूषण तिवारी जी ,इनका जन्म नरसिंह पुर के गाडरवारा तहसील में १२ जनवरी १९७५ को हुआ , उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई वहाँ से की , आज कल भोपाल में नौकरी ढूँढ रहे हैं , ह्रदय कवि हैं अलग अलग मुद्दों पर अलग अलग समय पर इनकी कवितायें अख़बारों में लगती रहती है ,पर कम्बक्थ इनसे पेट ही नही भरता ,अब नॉर्वेगियन लेखक क्नुत हमसून के नोवेल Hunger के नायक की तरह भी हो पाना मुश्किल है जो सोच लेता है के खाऊंगा तो लिख के ही , जीवन का सघर्ष का कठिन होता जा रहा है ओर उनका यह मानना यह भी है की जीवन में कुछ करते रहना जरूरी है यहाँ उनकी एक कविता लिख रहा हूँ कैसे लगी बताएं , उन्हें ओर मुझे प्रोत्साहन मिलेगा ।


यह सफर किस डगर

मगर , क्यूँ चला

बेखबर मन की लहर

अमृत या ज़हर

पीता चला ,

कहीं फुहार अपनेपन की

बेगाना भी कुछ लगा

खींचती है डोर कोई

खींचता बे मन कदमो का काफिला ,

सच तो है उसकी सत्ता

बस मान लेगा एक दिन ,

चला 'भारत ' उसकी ओर खींचता चला

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